ईटानगर,अरुणाचल प्रदेश में प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के साथ बुधवार को भी बाढ़ की स्थिति बनी रही.अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नामसाई, लोहित, चांगलांग और पूर्वी सियांग में बाढ़ आई है, जबकि अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है.पापुम पारे जिले में सागाली में बादल फटने से पारे जलविद्युत परियोजना (पीएचईपी) से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया.
जिला प्रशासन ने जारी की चेतावनी
जिला प्रशासन ने लोगों को जल निकायों से दूर रहने की चेतावनी दी है. पीएचईपी के सहायक महाप्रबंधक (तकनीकी) ताबा गगुंग तेबव ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और अगले कुछ दिनों में मछली पकड़ने के लिए नदी के किनारों पर जाने से बचने की अपील की है.चांगलांग जिले के अंतर्गत बोर्डुम्सा में बुरहा देहिंग नदी के उफान पर होने से बिजॉयपुर, मकांतोंग और वागुन-तीन और -चार क्षेत्रों में बाढ़ आ गई, जिससे भारी नुकसान पहुंचा.
खतरे के निशान से ऊपर बही रही नदियां
अधिकारियों ने बताया कि नदियों में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के साथ ही नामसाई और लोहित जिले के कुछ हिस्से में भारी बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है.राज्य जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि अभी तक नामसाई और वाकरो के 34 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, लोहित जिले में 5 गांव, राज्य की राजधानी ईटानगर में 11, चांगलांग जिले में 16 और पश्चिम कामेंग जिले में 4 गांव भी प्रभावित हुए हैं.
बारिश और बाढ़ एवं भूस्खलन से कुल 61948 लोग प्रभावित
राज्य में जारी बारिश और बाढ़ एवं भूस्खलन से कुल 61948 लोग प्रभावित हुए हैं.अधिकारियों ने बताया कि लगभग 300 लोगों को राज्य की राजधानी ईटानगर, चांगलांग और नामसाई जिलों में राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.आपदा से राज्य की 143.58 हेक्टेयर कृषि एवं बागवानी भूमि भी प्रभावित हुई है.
भूस्खलन से जू रोड और गंगा झील के बीच ईटानगर को आपूर्ति करने वाली एक प्रमुख जल आपूर्ति लाइन बाधित होने से सी-सेक्टर, ईएसएस, गांधी मार्केट आदि क्षेत्रों में जलापूर्ति प्रभावित हुई है.जलापूर्ति बहाली के प्रयास जारी हैं और आपूर्ति पूरी तरह बहाल होने में लगभग 1 सप्ताह का समय लगने का अनुमान है.