नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार, को केन्द्र सरकार का आखिरी बजट पेश किया। इस दौरान बजट भाषण के दौरान उन्होंने बीते 10 वर्षों की सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और विकसित भारत के लिए सरकार का रोडमैप भी बताया। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष में अर्थव्यवस्था में काफी विकास हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसने तरक्की की है। जब वे प्रधानमंत्री बने, तब कई चुनौतियां मौजूद थीं। सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ सरकार ने इन चुनौतियों का सामना किया। जन कल्याणकारी योजनाएं और विकास के बूते हम लोगों तक पहुंचे। देश को नया उद्देश्य और नई आशा मिली।
जनता ने सरकार को फिर बड़े जनादेश के साथ चुना। हमने दोगुनी चुनौतियों को स्वीकार किया और सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ काम किया। हमने सामाजिक और भौगोलिक समावेश के साथ काम किया। ‘सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ हमने कोरोना के दौर का सामना किया और अमृतकाल में प्रवेश किया। इसके नतीजतन हमारा युवा देश के पास अब बड़ी आकांक्षाएं, उम्मीदें हैं।
उन्होंने 58 मिनट लंबा भाषण दिया। यह अंतरिम बजट है, क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 साल में हमने सबके लिए आवास, हर घर जल, सबके लिए बैंक खाते जैसे कामों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। अन्नदाताओं की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। पारदर्शिता के साथ संसाधनों का वितरण किया गया है। हम असमानता दूर करने का प्रयास किया है, ताकि सामाजिक परिवर्तन लाया जा सके। प्रधानमंत्री के मुताबिक गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता, ये ही चार जातियां हैं, जिन पर हमारा फोकस है। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि गरीब का कल्याण, देश का कल्याण, हम इस मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। ‘सबका साथ’ के उद्देश्य के साथ हमने 25 करोड़ लोगों को विविध तरह की गरीबी से बाहर निकाला है। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
टैक्स पेयर्स को राहत नहीं, अंतरिम बजट ने किया मायूस
मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में टैक्सपेयर्स को मायूस कर दिया है जो लोकसभा चुनावों के पहले टैक्स के मोर्चे पर राहत की उम्मीद पाले हुए थे. 8 करोड़ से ज्यादा ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्होंने एसेसमेंट ईयर 2023-24 में रिटर्न फाइल किया था उन्हें निराशा हाथ लगी है. महंगाई से परेशान टैक्सपेयर्स को उम्मीद थी कि मोदी सरकार कुछ टैक्स के बोझ से राहत देगी पर उन्हें अंतरिम बजट ने निराश किया है। एसेसमेंट ईयर 2023-24 में 8.18 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने आयकर रिटर्न फाइल किया है तो 2022-23 में कुल 10.09 पैन कार्ड धारक ने इनकम टैक्स का भुगतान किया है. टैक्सपेयरर्स को ये उम्मीद थी जिस प्रकार खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों के पास है. ऐसे में वित्त मंत्री स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से ज्यादा बढ़ाने का ऐलान करेंगी पर ऐसा नहीं हुआ है. हालांकि 2019 के अंतरिम बजट स्टैंडर्ड डिक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया था.