Saturday, November 8, 2025
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अफ्रीका से 8 चीतों की एक और खेप जल्द ही भारत आयेगी, एक टीम ने किया चीता पर्यावास का दौरा

भारत के चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत बोत्सवाना से आठ नए चीतों को पकड़ा गया है जिन्हें जनवरी में मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क लाया जा सकता है। इन चीतों को फिलहाल मेडिकल परीक्षण के लिए एक महीने बाड़े में रखा जाएगा। दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने कुनो और गांधी सागर अभयारण्य का निरीक्षण कर परियोजना की सराहना की। वर्तमान में भारत में 27 चीते हैं, जिनमें 16 यहीं पैदा हुए हैं।

भोपाल। चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत भारत में स्थानांतरित करने से पहले दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना में आठ चीतों को पकड़ा गया है। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने यह जानकारी दी। चीतों का लाने का यह कार्यक्रम 2022 में शुरू किया गया था जब दशकों पहले सबसे तेज यह जानवर भारत से विलुप्त हो गया था। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ‘पीटीआई -भाषा’ को बताया कि दो नर चीतों समेत इन चीतों को भारत भेजने से पहले एक महीने के लिए बाड़े में रखा जाएगा और उनका मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा, अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण में कई औपचारिकताएं शामिल होती हैं। इन बातों तथा आने वाली क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए, मैं यह नहीं कह सकता कि चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कुनो नेशनल पार्क में कब भेजा जायेगा, शायद जनवरी में।

संपर्क करने पर, चीता परियोजना के क्षेत्र निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि इस विषय को दोनों सरकारें देख रही हैं और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।उन्होंने कहा, हमारे पास पहले से ही चीतों के तीसरी खेप के लिए बाड़े और सुविधाएं तैयार हैं, इन्हें तब तैयार किया गया था जब जानवरों को पहले नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। इस बीच, पांच सदस्यीय दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को कुनो नेशनल पार्क के मैदानी दौरे के बाद मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (जीवन एसडब्ल्यूएस) का भी दौरा किया।

मंदसौर के संभागीय वन अधिकारी संजय रायखेरे ने बताया कि टीम शुक्रवार को जीएसडब्ल्यूएस में रही और फिर दक्षिण अफ्रीका वापस जाने के लिए नयी दिल्ली लौट गई। शर्मा ने कहा कि टीम ने चीता परियोजना के तहत चीता संरक्षण में केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार एवं कुनो प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल में उपमंत्री नरेंद्र सिंह के कार्यालय प्रमुख और संपर्क अधिकारी एंथनी मिशेल; सेवानिवृत्त नौकरशाह काम चेट्टी; सेन पार्क के प्रमुख जीवविज्ञानी सैम फरेरा; एज़ेमवेलो केजेडएम वन्यजीव के पशु वैज्ञानिक ब्रेंट कवरडेल; और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक जेनेटा सेलियर शामिल हैं।

शर्मा ने बताया कि उनके साथ इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के प्रबंध निदेशक और चीता परियोजना के सलाहकार एस पी यादव, मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभरंजन सेन, एनटीसीए के महानिरीक्षक संजयान कुमार शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को 17 सितंबर, 2022 को कूनो नेशनल पार्क में एक खास बाड़े में छोड़ा, जो चीतों का दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था। भारत ने बाद में फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आयात किए।

इस महत्वाकांक्षी पुनःस्थापन कार्यक्रम के तीन साल बाद, देश में अब 27 चीते हैं, जिनमें से 16 भारत की धरती पर पैदा हुए हैं। इनमें से 24 कूनो में और तीन जीएसडबूएस में हैं। परियोजना शुरू होने के बाद से अब तक 19 चीतों – नौ आयातित वयस्क और भारत में पैदा हुए 10 शावकों – की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है, जबकि कूनो में अब तक 26 शावक पैदा हुए हैं। अफ्रीका से 20 जानवर आयात करने के बाद, भारत के पास अभी शुरुआती संख्या से सात चीते ज़्यादा हैं।

Mukesh Kumar
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