जयपुर, राजस्थान में गौवंश के लिए अब ‘आवारा’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा.पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में यह घोषणा की.कुमावत बुधवार रात विधानसभा में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग (मांग संख्या-47) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे.चर्चा के बाद सदन ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 15.58 अरब रुपए से अधिक की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.
आवारा गौवंश की जगह अब इस शब्द का होगा इस्तेमाल
मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा,”राज्य सरकार प्रदेश की बहुमूल्य पशु सम्पदा के विकास एवं पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्व है.साथ ही, गायों और बैलों के संरक्षण-संवर्धन के लिए संवेदनशील होकर कार्य कर रही है.उन्होंने कहा कि आवारा गौवंश के लिए अब से ‘निराश्रित’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा.”
”मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा”
उन्होंने कहा कि राज्य में 250 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा.साथ ही दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को शामिल करते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की जाएगी.पशुपालकों की सुविधा के लिए चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में पशु मेले आयोजित किए जाएंगे.