India Us Relations: भारत और अमेरिका के बीच शुल्क को लेकर जारी तनातनी के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है कि अंततः ये दो महान देश इस मुद्दे को सुलझा लेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मूल्य रूस के बजाय हमारे और चीन के अधिक करीब है’ फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बेसेन्ट ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को व्यापक तौर पर प्रदर्शनात्मक करार दिया. यह बयान तब आया जब चीन के तियानजिन शहर में रविवार और सोमवार को SCO का वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ. ट्रंप के मंत्री के इस बयान से रुख में बदलाव का संकेत मिलता है. रूस से तेल खरीद को लेकर भारत ट्रंप और उनके सहयोगियों के लगातार निशाने पर है.
‘भारत और अमेरिका इस मुद्दे को सुलझा लेंगे’
बेसेन्ट ने सोमवार को कहा, ‘यह एक पुराना आयोजन है, जिसे शंघाई सहयोग संगठन कहा जाता है, और मुझे लगता है कि यह काफी हद तक औपचारिक मीटिंग होती है. आख़िरकार, भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला लोकतंत्र है. उनके मूल्य रूस के बजाय हमारे और चीन के अधिक करीब हैं. मुझे लगता है कि अंतत: ये दो महान देश (भारत और अमेरिका) इस मुद्दे को सुलझा लेंगे. लेकिन रूस से तेल खरीदने और फिर उसे पुनः बेचने के मामले में भारतीयों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया है. इससे यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयास को वित्तीय समर्थन मिला है.’ वहीं भारत ने रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा आवश्यकताएं राष्ट्रीय हितों और बाज़ार की स्थिति पर आधारित हैं.
अमेरिका भारत ट्रेड डील अटकी
फॉक्स न्यूज़ के अनुसार, अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं में धीमी प्रगति को भी व्हाइट हाउस द्वारा भारत पर शुल्क बढ़ाने के एक कारण के रूप में देखा जा रहा है. बेसेन्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीद के चलते भारत पर 50 प्रतिशत तक के शुल्क लगाए हैं. भारत ने इन शुल्कों को अनुचित और अकारण बताया है.
SCO समिट के दौरान द्विपक्षीय बैठक के बाद अमेरिका के बदले सुर
उन्होंने यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठकों से जुड़े सवालों पर दी. यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले 2 दशकों के सबसे निचले स्तर पर माने जा रहे हैं, जिसे ट्रंप प्रशासन की शुल्क नीति और नई दिल्ली के प्रति उसके लगातार आलोचनात्मक रुख ने और गहरा किया है.
ट्रंप प्रशासन रूस पर प्रतिबंधों पर विचार कर रहा: बेसेन्ट
बेसेन्ट ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस पर प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है और सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि सब कुछ सामने है. राष्ट्रपति पुतिन ने एंकोरेज में ऐतिहासिक बैठक के बाद, फोन कॉल के बाद, जब सोमवार को यूरोपीय नेता और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की व्हाइट हाउस में थे जो संकेत दिए थे, उसके विपरीत कार्य किया है. वास्तव में, उन्होंने अत्यंत निंदनीय तरीके से बमबारी अभियान को और तेज कर दिया है. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ, सभी विकल्प खुले हैं, और हम इस सप्ताह उनका बहुत गंभीरता से अध्ययन करेंगे.’
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