Saturday, November 16, 2024
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America-China Meet : अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन बोले, जिनपिंग तानाशाह हैं… चीनी राष्‍ट्रपति संग बैठक में साथ काम करने का वादा, फिर जिनपिंग क्यों भड़के बाइडेन?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग फिलहाल अमेरिकी दौरे पर हैं, उनके इस दौरे का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। अमेरिका पहुंचने के बाद शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बात हुई लेकिन बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह बता दिया। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में एक अलग तरह की सरकार है और चीन में स्थितियां अलग हैं। चीन में जिस तरह का शासन है, उसके हिसाब से जिनपिंग एक तानाशाह ही हैं।

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में शिरकत करने अमेरिका पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद बाइडेन जब मीडिया से बात कर रहे थे तो उनसे सवाल हुआ कि क्या आप शी जिनपिंग को तानाशाह मानते हैं? इस पर बाइडेन ने कहा कि जिनपिंग एक तानाशाह हैं क्योंकि वो एक कम्युनिस्ट देश को चला रहे हैं। दरअसल, बाइडेन ने इसी साल जून में भी जिनपिंग को तानाशाह कहा था। इस पर चीन में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। बाइडेन के इसी बयान को याद दिलाते हुए उनसे सवाल किया गया कि अब वो अपने पुराने बयान पर क्या सोचते हैं। जिस पर बाइडेन ने कहा कि जिनपिंग की सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल अलहदा है। वह कम्युनिस्ट विचारधारा को मानने वाले देश के शासक हैं। इसलिए मैं उनको तनानाशाह कहने वाले अपने बयान पर कायम हूं।

बाइडेन ने मीडिया से कहा कि मेरी जिनपिंग से बहुत अच्छी बातचीत हुई है। मैंने ताइवान मुद्दे पर फिर से अमेरिका का रुख साफ करते हुए कहा कि ये कभी नहीं बदलने वाला है। मुझे लगता है कि ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम एक-दूसरे को समझें। यहां एक लीडर दूसरे लीडर से बात कर रहा है, इसलिए हमारे बीच कोई गलतफहमी नहीं हो सकती। हमें ये तय करना होगा कि हमारा कॉम्पिटिशन संघर्ष में न बदल जाए।

अमेरिका से रिश्तों पर जिनपिंग ने कहा कि चीन ना तो उपनिवेशवाद के रास्‍ते पर चलता है और ना ही किसी देश के साथ उलझने में यकीन रखता है। चीन की अमेरिका को दबाने की या फिर उसकी जगह लेने की कोई मंशा नहीं है। जिनपिंग ने कहा कि धरती इतनी बड़ी है कि यहां दोनों सुपर पावर रह सकती हैं। हमारा देश अमेरिका से अलग है, लेकिन हम इस फर्क के साथ भी आगे बढ़ सकते हैं। चीन और अमेरिका जैसे 2 बड़े देशों के लिए एक-दूसरे से मुंह फेरना विकल्प नहीं हो सकता। दोनों देशों में संघर्ष और टकराव के खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।

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