Wednesday, June 25, 2025
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कथावाचक की पिटाई पर भड़के अखिलेश यादव, भागवत कथा सबके लिए है जब सुन सकते हैं तो सुना क्यों नहीं सकते

UP News : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा हर असंवैधानिक काम का समर्थन किये जाने की वजह से ‘प्रभुत्ववादी’ और ‘वर्चस्ववादी’ तत्वों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को ‘हार्टलेस’ (बेरहम) और ‘अलोकतांत्रिक’ करार दिया। यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दावा किया कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं। सपा प्रमुख ने इटावा में यादव समाज के कथावाचक का सिर मुंडवाकर अपमानित किये जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दरअसल सरकार का जो मिजाज होता है, समाज की शक्तियों का संचालन भी उसी दृष्टि से होता है।

वर्चस्ववादी’ तत्वों के हौसले बुलंद : अखिलेश यादव

अखिलेश ने कहा, मुझे यह लगता है कि समाज के कुछ लोग ऐसा समझने लगे हैं कि यह सरकार उनके दिल और मन की सरकार है। इसी वजह से वे दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार कर रहे है। सरकार ने कहीं भी यह संदेश देने की कोशिश नहीं की कि कोई इस प्रकार की किसी घटना में शामिल होगा तो उसका अंजाम क्या होगा। यह सारा काम सरकार के संरक्षण में हो रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ लेने के लिए घटनाएं को होने देना चाहती है।

अखिलेश ने कहा कि सरकार में बैठे लोग अगर न्याय देने लगें तो बहुत सारी घटनाएं होंगी ही नहीं, लेकिन यह सरकार ‘हार्टलेस’ (बेरहम) और अलोकतांत्रिक है और हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है। उन्होंने इटावा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग लगातार अन्याय कर रहे हैं तथा प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोग लगातार पीडीए परिवार के लोगों को डरा रहे हैं, धमका रहे हैं, अपमानित कर रहे हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि पीडीए समाज पर बढ़ते हमलों का असली कारण यह है कि वर्चस्ववादियों को लगता है कि उनके पीछे आज भाजपा की वह सरकार खड़ी है जो सदियों से शक्तिशाली रहे लोगों की सरकार है और वह उन्हें बचा लेगी, लेकिन अब पीडीए समाज की एकता और एकजुटता इसका जवाब डटकर देगी।

प्रभुत्ववादी लोग कथावाचन में अपना एकाधिकार समझते हैं : अखिलेश

अखिलेश ने बिना कोई सदंर्भ दिये दावा किया कि पीडीए समाज पर जुल्म इसलिए हो रहा है कि ढाई हजार लोग ही इस सरकार को चला रहे हैं और इधर-उधर वे ढाई हजार लोग ही खेल खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग कथा वाचन में अपना एकाधिकार बनाए रखना चाहते हैं। अखिलेश ने कहा, इटावा में ‘कथा वाचन पीडीए अपमान कांड’ कुछ प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोगों की वजह से घटित हुआ है। ये लोग आखिर इतनी ताकत कहां से पा रहे हैं? अगर उन्हें पीडीए समाज के लोगों से इतना ही परहेज है तो वे घोषित कर दें कि परंपरागत रूप से कथा कहने वाले वर्चस्ववादी लोग पीडीए समाज द्वारा दिए गए चढ़ावे, चंदे, दान और दक्षिणा इत्यादि को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री ने खुद पर लगी कौन सी धारा वापस ली?

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि भागवत या कोई कथा कहने पर एक वर्ग विशेष का ही अधिकार है तो फिर वह इसके लिए भी कानून बनाकर दिखाएं कि पीडीए समाज का कोई भी व्यक्ति कथा वाचन नहीं कर सकता। अखिलेश ने कहा कि जिस दिन पीडीए समाज ने अपनी कथा अलग से कहनी शुरू कर दी, उस दिन इन परंपरागत शक्तियों का साम्राज्य ढह जाएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा राज में पीडीए समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है। अखिलेश ने कहा कि सच यह है कि जैसे-जैसे पीडीए समाज में चेतना और जागरूकता बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए वर्चस्ववादी लोगों के पीडीए समाज पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं।

सपा प्रमुख ने एक सवाल पर पूरी भाजपा को ‘हिस्ट्रीशीटर’ करार दिया। अखिलेश ने कहा, पूरी भाजपा हिस्ट्रीशीटर है। आप बताओ कि मुख्यमंत्री ने खुद पर लगी कौन सी धारा वापस ली? उप मुख्यमंत्री ने कौन सी धारा वापस ली? आखिरकार व्यवस्था को खराब किसने किया है? हम न्याय कहां मांगने जाएं? कौशांबी में पाल समाज की एक बेटी के साथ घटना हुई। पुलिस ने उसी के पिता पर इनाम घोषित करके जेल भेज दिया, लेकिन सरकार में बैठे लोग अपने केस वापस ले रहे हैं। यादव ने इटावा की घटना के पीड़ित कथा वाचक और उनके साथियों को शॉल ओढ़ाकर और 21-21 हजार रुपये देकर सम्मानित किया।

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