बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के बाद सोशल मीडिया पर उनको इंसाफ दिलाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है. अतुल ने सोमवार को खुदकुशी कर ली थी और मरने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, 90 मिनट का एक वीडियो भी बनाया और बताया किस तरह उन्हें प्रताड़ित किया गया. इसमें उन्होंने अपनी पत्नी, उसके रिश्तेदारों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. साथ ही जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर भी उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
अतुल ने वीडियो में लगाए कई गंभीर आरोप
अतुल ने अपने वीडियो और सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ 9 मामले दर्ज कराए हैं. जिनमें घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप शामिल थे. लेकिन बाद में उनकी पत्नी ने केस वापस ले लिए. उन्होंने वीडियो में बताया की कैसे कानूनी कार्यवाही और अदालत के आदेश पर वित्तीय भुगतान के बोझ ने उन्हें किस कदर परेशान कर दिया है.
सुभाष ने वीडियो में कहा,मेरे लिए जिंदगी खत्म कर लेना ही बेहतर है. क्योंकि जो मैं पैसे कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन मजबूत हो रहे हैं. क्यों कि मुझे उनको पैसे देने होंगे. और उन्हीं पैसो का इस्तेमाल वो मुझे बर्बाद करने के लिए करेंगे. यह साइकिल चलता रहेगा.
अतुल के पिता ने बयां किया दर्द
मृतक अतुल के पिता पवन कुमार ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा पत्नी के लगाए झूठे आरोपों से परेशान था. वह कम से कम 40 बार बेंगलुरू से जौनपुर गया. अतुल की पत्नी एक के बाद एक आरोप लगाती रही. उन्होंने बताया की उनके बेटे का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ गया था. वह कहता था की कोर्ट में जो लोग हैं वो कानून और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक काम नहीं करते हैं. वह निराश हुआ होगा लेकिन हमें कभी इसका अहसास नहीं होने दिया. उन्होंने बताया की अतुल ने जो भी आरोप लगाए वह 100 फीसदी सही हैं.
भाई ने बताया किस कदर परेशान था अतुल
अतुल के भाई विकास कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मेरे भाई की पत्नी उनसे अलग होने के लगभग 8 महीने बाद, उन्होंने तलाक का मामला दायर किया और मेरे भाई और हमारे पूरे परिवार के खिलाफ विभिन्न अधिनियमों और धाराओं के तहत कई आरोप लगाए. भारत में हर कानून महिलाओं के लिए है, और पुरुषों के लिए नहीं, मेरे भाई ने इसके लिए लड़ाई लड़ी लेकिन उसने हमें छोड़ दिया. यहां तक कि अपने सुसाइड नोट में भी उसने लिखा है कि – “अगर मैं सिस्टम से जीत गया तो मेरी अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर देना अन्यथा कोर्ट के बाहर किसी नाले में प्रवाहित कर देना”. मेरे भाई ने उसके लिए सब कुछ किया जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था. अगर उन्होंने कभी मुझसे या हमारे पिता से इस बारे में चर्चा की होती तो हम उन्हें इस स्थिति से बाहर निकलने में मदद करते. मैं भारत सरकार और राष्ट्रपति से अनुरोध करना चाहता हूं. कि मेरे भाई के साथ न्याय किया जाना चाहिए. मेरे भाई के सुसाइड नोट में जिस जज का नाम है उसके खिलाफ उचित जांच होनी चाहिए.”
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
मामला सामने आने के बाद से ही लोगों में घटना को लेकर बहुत गुस्सा है. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने न्यायिक प्रक्रिया की आलोचना की है. एक यूजर ने लिखा-भारत में पुरुष होना अपराध है. जबकि कुछ लोगों ने Accenture कंपनी को टैग करते हुए अतुल की पत्नी को नौकरी से निकालने की मांग की है.