बेंगलुरु, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिक्ष गतिविधियों में सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (ASA) के साथ एक ‘इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट’ (आईए) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच गगनयान मिशन के लिए चालक दल और चालक दल (क्रू) ‘मॉड्यूल’ वापसी पर सहयोग संभव होगा. गगनयान देश का पहला मानव मिशन है.
20 नवंबर को साइन हुआ समझौता
अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में बताया कि इस समझौते पर 20 नवंबर को बेंगलुरु में इसरो की तरफ से मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) के निदेशक डीके सिंह और कैनबरा में एएसए की तरफ से स्पेस कैपेबिलिटी ब्रांच के महाप्रबंधक जारोड पॉवेल ने हस्ताक्षर किए.
ISRO के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का उद्देश्य
गौरतलब है कि इसरो ने मानव अंतरिक्ष उड़ान (गगनयान) कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारतीय ‘मॉड्यूल’ में चालक दल के 3 सदस्यों के साथ 3 दिनों तक पृथ्वी की निचली कक्षा में उड़ान भरना और ‘मॉड्यूल’ को सुरक्षित रूप से वापस लाना है.
ISRO और ASA के बीच समझौते में क्या है ?
इसरो ने बताया कि इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि चालक दल की खोज और चालक दल के ‘मॉड्यूल’ की वापसी के लिए सहायता सुनिश्चित हो सके. भारत और ऑस्ट्रेलिया स्थायी रणनीतिक साझेदार हैं तथा दोनों अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. दोनों एजेंसियां वर्तमान और भविष्य की सहयोग गतिविधियों को तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं.