Nepal Protest : नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़का जन-आंदोलन अब हिंसा और आगजनी में बदल चुका है। सोमवार से राजधानी काठमांडू सहित कई हिस्सों में पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं जारी हैं। हालात इतने बिगड़े कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को गृहमंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री समेत कुल पाँच मंत्रियों के साथ इस्तीफ़ा देना पड़ा।
सोमवार को हिंसक झड़पों में 20 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए। मंगलवार को भी जेन-ज़ी के नेतृत्व में प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर धावा बोला, तोड़फोड़ की और आगजनी भी की। कर्फ्यू और भारी सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। काठमांडू हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है और पूरा शहर छावनी में बदल गया है। राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है और नई वैकल्पिक सरकार की मांग जोर पकड़ रही है।

नेपाल के राष्ट्रपति ने बातचीत की अपील की
काठमांडू। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने मंगलवार को सभी पक्षों से संयम बरतने और संकट के समाधान के लिए बातचीत की अपील की। उन्होंने कहा, ‘देश एक कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है।’ उन्होंने आंदोलनकारी समूह ‘जेन जी’ समेत सभी से शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘चूंकि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए मौजूदा गतिरोध का समाधान निकालने के लिए देश, जनता और लोकतंत्र से प्रेम करने वाले सभी पक्षों के सहयोग की आवश्यकता है।’
सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद ओली के इस्तीफ़े की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके कार्यालय में घुसकर नारे लगाने लगे, जिसके बाद प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारियों को विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर कब्ज़ा करते और तोड़फोड़ करते देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति कार्यालय की इमारत में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
नेपाल के सेना प्रमुख थोड़ी देर में देश को संबोधन करेंगे
नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल थोड़ी देर में देश को संबोधित करने वाले हैं। क्योंकि देश के हालात बिगड़े हुए है। नेपाल में बीते दिन से हिंसा, पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ का दौर जारी है. सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ युवाओं के प्रदर्शन ने ओली सरकार को पूरी तरह से हिला दिया। प्रधानमंत्री से लेकर कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है।