ग्रेटर नोएडा, अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट शुक्रवार को एक भी गेंद फेंके बगैर लगातार बारिश के कारण रद्द हो गया और टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसी स्थिति आठवीं बार आई है. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सात बार ही ऐसा हुआ है जब एक भी गेंद फेंके बिना मैच रद्द हुआ हो.पिछली बार ऐसा 26 साल पहले 1998 में हुआ था. उस समय भी न्यूजीलैंड टीम ही थी जिसे डुनेडिन में भारत से खेलना था. उसी साल और उसी दिन फैसलाबाद में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे का टेस्ट भी घने कोहरे के कारण बिना किसी खेल के रद्द किया गया था.वहीं भारत में पहली बार कोई टेस्ट एक भी गेंद फेंके बगैर रद्द हुआ है.
मैच के लिए टॉस तक नहीं किया जा सका
बता दें कि पहले दो दिन गीली आउटफील्ड के कारण खेल नहीं हो सका जिससे शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर की मैच की मेजबानी की क्षमता पर सवाल उठे हैं. बाकी तीन दिन बारिश के कारण खेल रद्द हो गया. शुक्रवार की सुबह पिच का मुआयना किया गया लेकिन अभी भी आउटफील्ड में उन जगहों पर पानी जमा है जो ढकी नहीं हैं . इससे मैच का रद्द होना तय हो गया जिसमें टॉस तक नहीं कराया जा सका.
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कही ये बात
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान में कहा ग्रेटर नोएडा में अभी भी बारिश हो रही है. लगातार बारिश के कारण अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट के पांचवें दिन का खेल रद्द कर दिया गया.”
पिछले 2 सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है. उसके अलावा सुविधाओं के अभाव, ग्राउंड कवर की कमी, खराब ड्रेनेज, कुशल मैदानकर्मियों के अभाव और सुपर सोपर पर्याप्त संख्या में नहीं होने से समस्या बढ़ी है. पहले दो दिन सूरज निकलने के बावजूद खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए अंपायरों ने खेल नहीं कराने का फैसला लिया.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास नहीं थे पर्याप्त संसाधन
सूत्रों की माने तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) से 2 सुपर सोपर मांगे थे जो मेरठ स्टेडियम से भेजे गए.दिन में विवाह में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक शामियाने का इस्तेमाल आउटफील्ड ढंकने के लिये किया गया और शाम को बरसाती लगाई गई. कोटला से डीडीसीए अधिकारियों ने आउटफील्ड कवर भेजे लेकिन वह काफी नहीं थे. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास कुशल मैदानकर्मी भी नहीं थे जिसकी वजह से मजदूरों को काम पर लगाया गया.
कानपुर,बेंगलुरू का भी दिया गया था विकल्प
BCCI ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानपुर, बेंगलुरू और ग्रेटर नोएडा के विकल्प दिए थे.एसीबी ने लॉजिस्टिक कारणों से ग्रेटर नोएडा को चुना. अफगानिस्तान इस मैच की मेजबान था जिसे शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलता.आईसीसी से 2017 में टेस्ट टीम का दर्जा मिलने के बाद यह उसका दसवां टेस्ट था. यह टेस्ट आईसीसी विश्व चैम्पियनशिप चक्र का हिस्सा नहीं है. स्टेडियम के भविष्य पर फैसला मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट आने के बाद होगा .