Sunday, December 8, 2024
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Adani Bribery Case: अडानी ग्रुप का अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों पर आया बयान, ‘गौतम अडानी, उनके भतीजे पर FCPA के तहत आरोप नहीं’

नई दिल्ली, अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है. अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी मदद लेगा.

अमेरिका में अडानी पर लगे हैं ये आरोप

बता दें कि बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडानी, सागर अडानी और प्रमुख कार्यकारी अधिकारी विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि वे भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित साजिश का हिस्सा थे. यह रिश्वत सौर बिजली की आपूर्ति के लिए ठेका हासिल करने के वास्ते दी गई थी जिससे 20 साल की अवधि में 2 अरब अमेरिकी डॉलर का मुनाफा होना था.

‘FCPA के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया’

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वे खबरें गलत हैं जिनमें दावा किया गया है कि इन तीनों पर FCPA उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड का प्रावधान है. गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अभियोग या अमेरिकी SEC की सिविल शिकायत में निर्धारित आरोपों के अनुसार एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है.

आपराधिक अभियोग में 3 आरोप लगाए गए हैं

कंपनी की तरफ से कहा गया, ‘इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में 3 आरोप लगाए गए हैं. उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचना, वायर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचना, और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप है.

अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले की अमेरिकी जिला अदालत में एक आपराधिक अभियोग दायर किया है. अभियोग में किसी भी जुर्माने/दंड को निर्दिष्ट नहीं किया गया है. इसमें कहा गया है कि सिविल शिकायत के आरोप के मुताबिक, अधिकारियों ने प्रतिभूति अधिनियम 1933 और प्रतिभूति अधिनियम 1934 की कुछ धाराओं का उल्लंघन किया, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को इन अधिनियमों का उल्लंघन करने में मदद की और बढ़ावा दिया.

कंपनी की सूचना के अनुसार,’ शिकायत में प्रतिवादियों को सिविल मौद्रिक दंड का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया है, लेकिन इसमें जुर्माने की राशि कितनी हो, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया.”

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