वाशिंगटन। कनाडा के ओंटारियो प्रांत की संसद में ‘विश्व सौहार्द वर्ष’ के उद्घाटन समारोह के दौरान आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए अपने देश और समाज को संकट में नहीं डालना चाहिए। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक गतिरोध जारी है। गौरतलब है कि भगवान महावीर के 2,550वें निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में ‘विश्व सौहार्द वर्ष’ मनाया जा रहा है।
भगवान महावीर की शिक्षाएं आज ज्यादा प्रासंगिक
लोकेश मुनि ने इस सप्ताह सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर अहिंसा और शांति के अग्रदूत थे तथा उनकी शिक्षाएं तात्कालिक समय की तुलना में वर्तमान समय में अधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, हिंसा, धार्मिक असहिष्णुता और असमानता जैसी कई वैश्विक समस्याओं का समाधान भगवान महावीर के दर्शन में मिलता है। भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों पर परोक्ष टिप्पणी करते हुए लोकेश मुनि ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश और समाज को संकट में नहीं डालना चाहिए।
चुनावी लाभ के लिए नफरत को बढ़ावा देना गलत
लोकेश मुनि ने कहा कि चुनावी लाभ के लिए हिंसा, नफरत और अलगाववादी सोच को बढ़ावा देना गलत है। ओंटारियो की संसद में प्रोग्रेसिव कंजर्वेटिव पार्टी के एमपीपी दीपक आनंद ने कहा कि आज की दुनिया में शांति और सद्भाव बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच असहिष्णुता तथा हिंसा बढ़ रही है। आनंद ने कहा कि ऐसे माहौल में ‘विश्व सौहार्द वर्ष’ का आयोजन अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाएं इन चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित होंगी।
इसलिए बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद पिछले महीने भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को निराधार करार देकर खारिज किया था।