नई दिल्ली। भारत ने सोमवार को अनिश्चित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल को देखते हुए जैविक हथियारों के संभावित दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए एक वैश्विक तंत्र की जरूरत बताई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार से इतर तत्वों द्वारा जैविक हथियारों का ‘‘दुरुपयोग’’ किया जाना अब दूर की बात नहीं है और ऐसी चुनौती से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।
जैविक आतंकवाद एक गंभीर चिंता का विषय : जयशंकर
उन्होंने जैविक हथियार संधि (बीडब्ल्यूसी) की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, जैविक आतंकवाद एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पूरी तरह से तैयार रहना होगा। हालांकि, बीडब्ल्यूसी में अब भी बुनियादी संस्थागत ढांचे की कमी है। उन्होंने कहा, इसमें कोई अनुपालन प्रणाली नहीं है, कोई स्थायी तकनीकी संस्था नहीं है और नए वैज्ञानिक घटनाक्रमों पर नजर रखने के लिए कोई तंत्र नहीं है। भरोसा मजबूत करने के लिए इन खामियों को दूर करना आवश्यक है।
मंत्री ने कहा कि भारत ने लगातार बीडब्ल्यूसी के अंदर मजबूत अनुपालन उपायों की मांग की है, जिसमें आज की दुनिया के अनुरूप सत्यापन भी शामिल है। उन्होंने कहा, भारत शांतिपूर्ण इस्तेमाल के उद्देश्य से सामग्री और उपकरणों के आदान-प्रदान को संभव बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं मदद का मदद का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, हमने वैज्ञानिक और तकनीकी विकास की व्यवस्थित समीक्षा की मांग की है ताकि शासन वास्तव में नवाचार की गति के साथ तालमेल बिठा सके।




