Sunday, December 22, 2024
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विमान दुर्घटना में 9 लोगों की मौत

काहिरा। सूडान में उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 4 सैन्य कर्मियों सहित 9 लोगों की मौत हो गई। सूडान की सेना ने एक बयान में यह जानकारी दी। पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश सूडान में जारी गृहयुद्ध को सोमवार को 100 दिन पूरे हो गए हैं और इसके समाप्त होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है।

सेना ने एक बयान में कहा कि पोर्ट सूडान शहर में रविवार को हुई विमान दुर्घटना में एक बच्चे की जान बच गयी। लाल सागर के तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह शहर पोर्ट सूडान सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी समूह, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच जारी भीषण युद्ध से अब तक बचा हुआ है। एंटोनोव विमान शहर के हवाईअड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान दुर्घटना के लिए तकनीकी कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस बारे में विस्तृत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।

सूडान अप्रैल के मध्य से ही अराजकता में डूबा हुआ है जब सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच राजधानी खार्तूम और देश में अन्य जगहों पर खुले तौर पर लड़ाई शुरू हो गई थी। सूडान में नॉर्वे की शरणार्थी परिषद के निदेशक विलियम कार्टर ने कहा, ‘‘ सूडान में युद्ध के 100 दिन हो गए हैं, इसका जिंदगी और बुनियादी ढांचे पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है, लेकिन आगे और भी बुरा होने वाला है। ’’

इस संघर्ष ने देश में लोकतंत्र को फिर से बहाल करने की सूडानी उम्मीदों को पटरी से उतार दिया। लोकतंत्र समर्थक विद्रोह ने सेना को 2019 में लंबे समय तक तानाशाह रहे उमर अल-बशीर को हटाने के लिए मजबूर किया था। सेना और RSF के नेतृत्व में तख्तापलट ने अक्टूबर 2021 में लोकतांत्रिक परिवर्तन को बाधित कर दिया।

सूडान के स्वास्थ्य मंत्री हैथम मोहम्मद इब्राहिम ने पिछले महीने टेलीविजन पर अपने संबोधन में बताया था कि देश में संघर्ष में 3000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि 6000 से ज्यादा अन्य लोग घायल हो चुके हैं। चिकित्सकों और अधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक मृतकों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी के अनुसार, 26 लाख से अधिक लोग अपने घरों से भागकर देश के अंदर सुरक्षित क्षेत्रों में चले गए हैं। एजेंसी ने कहा कि लगभग 7,57,000 अन्य लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
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