Zubin Garg Death Case : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि सिंगापुर में गायक जुबिन गर्ग के अंतिम क्षणों में उनके साथ मौजूद आठ लोगों में से एक को छोड़कर, सात अन्य ने अभी तक सीआईडी के समन का जवाब नहीं दिया है। शर्मा ने कहा कि 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय गर्ग की मृत्यु के समय नौका पर मौजूद रूपकमल कालिता ने मृत्यु की जांच कर रही एसआईटी के समन का जवाब दिया है।
सीआईडी के समन का जवाब नहीं दिया : सीएम हिमंत
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि कालिता मंगलवार को गुवाहाटी आएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि, सात अन्य लोगों ने जांच में मदद के लिए असम आने के बारे में कुछ नहीं कहा है। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, हम उन पर दबाव बनाए रखेंगे… वे जितनी जल्दी आएंगे, हम जांच पूरी कर पाएँगे। हम उन्हें सहयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि अगर एक व्यक्ति आता है, तो बाकी लोग भी आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि असम पुलिस को जांच के लिए सिंगापुर जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत, ‘सिंगापुर पुलिस जो भी सबूत एकत्र करेगी, वह हमारे साथ साझा किया जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, हमारा अनुरोध सिंगापुर को पहले ही भेज दिया गया है, लेकिन कोई भी विदेशी देश किसी अन्य देश की पुलिस को अपनी धरती पर जांच करने की अनुमति नहीं देगा।

जुबिन गर्ग की मौत का खुला राज
गायक जुबिन गर्ग के बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि गर्ग को सिंगापुर में जहर दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस के पास मौजूद आधिकारिक दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है। ‘पीटीआई’ को मिले ‘डिटेल्ड ग्राउंड्स ऑफ अरेस्ट’ या रिमांड नोट के अनुसार गोस्वामी ने आरोप लगाया कि गर्ग को सिंगापुर में उनके प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत ने जहर दिया था। इस मामले में फेस्टिवल के आयोजक, गर्ग के प्रबंधक और बैंड के दो सदस्यों गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
गर्ग की सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। वह श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी की ओर से आयोजित महोत्सव के चौथे संस्करण में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे। नोट में कहा गया है, जब जुबिन गर्ग सांस लेने के लिए हांफ रहे थे और लगभग डूबने की स्थिति में थे, उस समय सिद्धार्थ शर्मा को ‘जाबो दे, जाबो दे’ (जाने दो, जाने दो) चिल्लाते हुए सुना गया। गवाह ने कहा है कि जुबिन गर्ग एक कुशल तैराक थे… और इसलिए डूबने से उनकी मृत्यु नहीं हो सकती। नोट पर एसआईटी की सदस्य और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोजी कालिता के हस्ताक्षर हैं। नोट में कहा गया है, उन्होंने (गोस्वामी) आरोप लगाया कि शर्मा और श्यामकानु महंत ने पीड़िता को जहर दिया था और अपनी साजिश छिपाने के लिए जानबूझकर विदेश में जगह चुनी थी। शर्मा ने उन्हें नौका के वीडियो किसी के साथ साझा न करने का भी निर्देश दिया था। सीआईडी का नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) फिलहाल सिंगापुर में गर्ग की मौत से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। असम सरकार ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है। सीआईडी के सूत्रों ने दस्तावेज की सत्यता की पुष्टि की है।