Kishtwar Cloudburst: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) का एक दल जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करने के लिए शुक्रवार को वहां पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि इस आपदा में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई है. जिनमें से 21 शवों की पहचान कर ली गई है. 167 लोगों को बचा लिया गया है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को बचाए गए लोगों में से 38 की हालत गंभीर है. मृतक संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.

खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में आ रही परेशानी
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि ‘NDRF का दल गांव में जारी अभियान में शामिल हो रहा है. वह देर रात गुलाबगढ़ पहुंच गया. अभियान की निगरानी कर रहे शर्मा ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर नहीं भेजे जा सके इसलिए टीम उधमपुर से सड़क मार्ग से आई. दो और टीम रास्ते में हैं तथा वे अभियान में शामिल होंगी.

300 सैनिक रेस्क्यू में जुटे
उन्होंने बताया कि सेना ने भी खोज और बचाव अभियान को तेज करने के लिए एक और टुकड़ी को शामिल किया है. राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी अभियान में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि 60-60 जवानों वाली 5 टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक ‘व्हाइट नाइट कोर’ की चिकित्सा टुकड़ियों के साथ जमीन पर मौजूद हैं और वे पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य नागरिक एजेंसी के साथ मिलकर लोगों की जान बचाने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.

कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी कर रहीं मदद
आदिल नाम के एक स्वयंसेवक ने बताया कि अबाबील की स्वयंसेवी टीम 9 एम्बुलेंस के साथ गुरुवार को गांव पहुंची और अभियान में शामिल हुई. उन्होंने कहा, ‘हम शवों को निकालने और घायलों को अथोली एवं किश्तवाड़ के अस्पतालों में पहुंचाने में मदद करते हैं. ‘हिलाल वालंटियर्स’ नामक एक अन्य समूह भी बचाव अभियान में मदद कर रहा है.
