Thursday, October 3, 2024
Homeताजा खबरसोमवार से संसद का 5 दिवसीय विशेष सत्र शुरु, सत्र में होगी...

सोमवार से संसद का 5 दिवसीय विशेष सत्र शुरु, सत्र में होगी 75 साल के सफर पर चर्चा

नई दिल्ली। संसद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से होगी. नये सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी. सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत चार विधेयकों पर विचार किया जाना प्रस्तावित है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार सुबह नये संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस घटनाक्रम को सत्र के दौरान संसद के नये भवन में स्थानांतरित होने के पूर्व संकेत के रूप में देखा जा रहा है. सत्र से पहले सदन में विभिन्न दलों के नेताओं को प्रस्तावित कामकाज की जानकारी देने और उनसे विचार-विमर्श करने के लिए सरकार ने रविवार शाम सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है.

विशेष सत्र से सभी दल हैरान

सोमवार से शुरू हो रहे सत्र को बुलाए जाने के असामान्य समय ने सभी को हैरत में डाला है. हालांकि, सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर विशेष चर्चा है. सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है. यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था. सरकार को संसद में कुछ नये कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, जो जरूरी नहीं है कि सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा हो. किसी संभावित नये कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के बारे में चर्चा जोरों पर है.

संसद को किया जा सकता है नए भवन में स्थानांतरित

सत्र को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच संसद को नये भवन में स्थानांतरित किए जाने की प्रबल संभावना है, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. संसद के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी नयी वर्दी में दिखाई पड़ सकते हैं. भारत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन ने मोदी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है और सत्र में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष द्वारा इस तथ्य की तरफ प्रमुखता से ध्यान आकर्षित किया जा सकता है. संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाले नये ‘ड्रेस कोड’ ने पहले ही एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव चिह्न ‘कमल’ के फूल को प्रचारित करने की एक ‘सस्ती’ रणनीति करार दिया है.

यह लोकसभा का 13 वां और राज्यसभा की 261 वां सत्र

सत्र की घोषणा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे ‘‘विशेष सत्र’’ बताया था, लेकिन सरकार ने बाद में स्पष्ट कर दिया था कि यह एक नियमित सत्र यानी मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र है. आमतौर पर हर साल संसद का बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाता है। मानसून सत्र जुलाई-अगस्त में आयोजित किया गया था, जबकि शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में होने वाला है. बजट सत्र हर वर्ष जनवरी के अंत से शुरू होता है. दो सत्र के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता. फिलहाल, सरकार ने सत्र के पहले दिन संविधान सभा से लेकर संसद बनने की 75 साल की यात्रा पर विशेष चर्चा की योजना बनाई है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments