Thursday, December 19, 2024
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जयपुर में गणपति प्लाजा के लॉकर्स लगातार उगल रहे सोना, फिर मिला साढ़े 4 किलो सोना, कीमत 2.5 करोड़ रुपए

जयपुर। राजधानी जयपुर का गणपति प्लाजा कॉम्पलेक्स इन दिनों भारी सुर्खियों में बना हुआ है। क्योंकि इस परिसर में कई कम्पनियों ने लॉकर्स की सविधा दे रखी हैं और कई बेनामी लॉकर्स करोड़ों रुपए का कैश अौर सोना उगल रहे हैं। तभी तो आयकर विभाग लगातार इनकी जांच में जुटे हैं। इसी कड़ी में आयकर विभाग को सर्च के दौरान एक लॉकर से साढ़े 4 किलो सोना मिला। यह सोना रूई की चादर में लपेटकर रखा हुआ था। गोल्ड की जांच करने पर उसका वजन और शुद्धता के लिए टीमों को मौके पर बुलाया गया। जांच के दौरान गोल्ड शुद्ध और अच्छी क्वालिटी का बताया गया। इसका वर्तमान बाजार मूल्य करीब 2.5 करोड़ रुपए बताया गया है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने गोल्ड को सीज कर लिया है। ये लॉकर किसका है। इसका खुलासा विभाग ने नहीं किया है। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने लॉकर्स में 500 करोड़ रुपए होने का आरोप लगाया था।

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद जयपुर में गणपति प्लाजा के लॉकर्स की जांच की जा रही है। यहां स्थित रोयरा सेफ्टी वॉलेट्स में इनकम टैक्स के अधिकारी जांच में जुटे हैं। इनकम टैक्स से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करीब 762 लॉकर की जांच की जा चुकी हैं। अभी 338 लॉकरों की जांच करना बाकी हैं। जांच के दौरान इनकम टैक्स को गोल्ड, नगदी बरामद हुई है। उसे लेकर लॉकर धारकों से पूछताछ की जा रही हैं। कुछ लॉकर ऑनर के द्वारा लॉकर में रखे हुए सामान की जानकारी इनकम टैक्स के अधिकारियों को दे दी गई है। इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारी लॉकर मालिकों से इन गोल्ड और नगदी के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।

पहले ढाई करोड़ नकद और एक किलो सोना भी मिला

इससे पहले एक लॉकर से इनकम टैक्स के अधिकारियों को 2 करोड़ 46 लाख रुपए मिले थे। 1 किलो गोल्ड और अब ढाई किलो गोल्ड मिला है। अधिकारियों ने बताया- लॉकरों में और भी पैसा मिल सकता है। अब केवल 338 लॉकर की जांच करनी बाकी है। इन लॉकर्स में अधिकांश लॉकर बेनामी बताए जा रहे हैं। जिन दस्तावेजों के आधार पर लॉकर लिए गए। वह फर्जी निकल रहे हैं। इनकम टैक्स की टीम ऐसे लॉकर्स की लिस्ट बना रही है। जानकारी अनुसार, कुछ लॉकर ऐसे भी मिले हैं। इनके मालिक का नाम और पता मिल ही नहीं रहे हैं। जिस नाम से लॉकर खोला गया, वह नाम अस्तित्व में नहीं है। जो पता लिखा रखा है। वहां पर व्यक्ति रहता ही नहीं है। इनकम टैक्स को ऐसे ही लॉकर की जांच करने में समय लग रहा है।

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