Monday, December 23, 2024
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बड़ा सवाल : क्या देश के किसी भी सदन में सीएम नीतीश बाबू जैसी भाषा का प्रयोग स्वीकार्य हो सकता है?

भारतीय राजनीति में छोटे-बड़े ऐसे कई नेता हुए हैं या हैं जिनकी जुबान का निशाना महिलाएं बनी हैं और फिर बवाल मचा है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी। उन्होंने ऐसा कुछ बोला कि जनता सुनकर हैरान है। पहले आपको ऐसे ही अब तक कुछ दूसरे नेताओं की जुबान से निकले महिलाओं पर नेताओं के बिगड़े कुछ बोल बचन के बारे में बताते हैं फिर हम नीतीश कुमार पर आएंगे। किसी समय समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में कहा था कि जब लड़के और लड़कियों में कोई विवाद होता है तो लड़की बयान देती है कि लड़के ने मेरा बलात्कार किया। इसके बाद बेचारे लड़के को फांसी की सजा सुना दी जाती है। बलात्कार के लिए फांसी की सजा अनुचित है। लड़कों से गलती हो जाती है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी महिलाओं पर कई बार विवादित बयान दिए हैं। एक पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने जयंती नटराजन को ‘टंच माल’ तक कह दिया था।


दिग्गी ने एक बार राखी सावंत पर टिप्पणी करते हुए कहा था अरविंद केजरीवाल और राखी सावंत जितना एक्सपोज करने का वादा करते हैं, उतना करते नहीं हैं। उनके इस बयान पर राखी ने उन्हें ‘सठिया गए हैं’ कहकर झिड़का था। शरद यादव महिलाओं पर कई बार अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं। जेडीयू नेता शरद यादव ने बयान दिया था कि बेटियों की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है, जिसके बाद सभी तरफ से इसका बयान का खंडन किया गया।


शरद यादव ने साउथ की महिलाओं को लेकर कहा था कि साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसकी बॉडी। वे पूरा देखने में काफी सुंदर लगती हैं। वे नृत्य जानती हैं। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी। हाल में संपन्न जाति आधारित सर्वे के आंकड़े विधानसभा में पेश करते समय विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाॅपुलेशन कंट्रोल पर बात रखते समय कुछ ऐसा कह गए जिससे विवाद खड़ा हो गया है।


दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश सदन में बोल रहे थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा कह दिया जिस पर विधानसभा के अंदर भी विधायक सुनकर असहज हो गए। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं के साक्षरता बढ़ी है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर लड़कियां पढ़ी-लिखी रहेंगी तो जनसंख्या खुद पर खुद नियंत्रित हो जाएगा। इसके बाद तो उन्होंने सारी मर्यादाएं ही लांघ दी।


बिहार विधानसभा के बाद नीतीश कुमार ने परिषद में भी ज्ञान की बातें कीं। जनसंख्या नियंत्रण पर बातें करते-करते नीतीश कुमार परिषद में कुछ अधिक ही बोल गए। यहां पर उन्होंने वो बातें कह दीं, जिसे हम लिख नहीं सकते हैं। नीतीश कुमार जब परिषद में बयान दे रहे थे, तब उनके पीछे बैठी एक महिला मंत्री कभी इधर तो कभी उधर देख रही थीं। शायद में मंत्रीजी के मन में चल रहा होगा कि गलत समय पर यहां बैठ गईं।


तब ही तो वह मुंह छिपाने का भी प्रयास कर रही थीं। परिषद में नीतीश ने जो कुछ भी कहा, उसे सुनहर कोई हैरान था। पक्ष और विपक्ष के विधायक भी नीतीश कुमार के बयान से परेशान थे। बिहार मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा उसे सुन भाजपा की विधान पार्षद निवेदता सिंह रो बैठीं।


सदन से बाहर आने पर निवेदता सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को शर्मसार करने का काम किया है। भाजपा नेता ने कहा कि वे भी एक पिता हैं। हम भी मां, बहन, पत्नी और बेटी हैं। सदन में इस तरह का गंदा बयान देना कही से उचित नहीं है। निवेदिता ने कहा कि सदन में महिला विधायक और एमएलसी मौजूद रहीं, जिसका ख्याल नीतीश कुमार ने नहीं किया। मुख्यमंत्री बोल रहे थे और हम सभी उनकी बातों को सुन रहे थे। मैं तो सदन से बाहर निकल गईं। अगर चाहती तो मुख्यमंत्री को जवाब देकर बाहर आतीं। लेकिन मेरे नेता वहां बैठे थे, इसलिए मैं चुप रही।

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