जयपुर। टोडाभीम से विधायक पृथ्वीराज मीणा ने अपनी ही सरकार पर को चेतावनी दी है पूरा मामला विधायक कोष से जारी की गई अभिशंषाओं को लेकर है. अब इस मामले में विधायक पृथ्वीराज मीणा ने सीएम गहलोत को पत्र लिखा है. विधायक पृथ्वीराज मीणा ने सीएम गहलोत को पत्र लिखते हुए चेतावनी भी दी है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार विधानसभा क्षेत्र टोडाभीम में कई समय से विधायक कोष से कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियां जारी नही हुई है. इस मामले को लेकर अब राजस्थान की सियासत गर्म होती दिखाई दे रही है. विपक्ष, सत्ता पक्ष पर हमलावर होते हुए दिखाई दे रहा है.
मामले में खेल मंत्री अशोक चांदना का आया नाम
विधायक पृथ्वीराज मीणा ने सीएम गहलोत को लिखे गए पत्र में लिखा कि आपके द्वारा अशोक चांदना प्रकरण में यह चेतावनी दी गई कि अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना जैसा कार्य नही करना चाहिए था पर चूंकि सुनने मे आया है कि जिला परिषद करौली मे स्टाफ द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है विधायक कोष से जारी अभिशंषाओ पर बाबू सुविधा शुल्क (रुपयों) की मांग करते हैं. पैसे नही देने पर उनके द्वारा विधायक कोष से काफी लम्बे समय से जारी अनुशंपित कार्यो की वित्तीय स्वीकृतियों जारी नही की जा रही है. अगर सात दिवस के अंदर मेरे द्वारा जारी अभिशंषित कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियाँ जारी नही की गई तो मुझे मजबूरन कार्यालय जिला परिषद करौली के सामने धरना देना पडेगा.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा निशाना
राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है ऐसे समय में चुनाव से ठीक पहले विधायक द्वारा अपनी सरकार पर सवाल खड़ा करना कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है. इसको लेकर राजस्थान की राजनीति में उफान आना भी संभव है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निशाना साधते हुए माइक्रोंब्लागिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा. शेखावत ने कहा कि- यह पत्र विशेष है क्योंकि इसमें सत्ताधारी दल के विधायक स्वीकार कर रहे हैं कि उनसे बाबुओं द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का आलम यह है विधायक को अपने कोष से कार्य कराने के लिए मुख्यमंत्री को धरने की चेतावनी देनी पड़ रही है। इसलिए हम परिवर्तन की बात करते हैं। भाजपा आएगी, ईमानदारी लाएगी.