Thursday, November 21, 2024
Homeज्ञान विज्ञानचंद्रयान-3 'सॉफ्ट लैंडिंग' का इंतजार

चंद्रयान-3 ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का इंतजार

भुवनेश्वर,पूरी दुनिया आज भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रही है। वहीं भुवनेश्वर के ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ के तकनीशियन और छात्र इस यान को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करता देखने के लिए उत्सुक हैं। लॉचिंग में कुछ ही मिनट बाकी है।
संस्थान के महाप्रबंधक एल राजशेखर ने कहा, ”हम व्याकुल हैं और परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र जैसा महसूस कर रहे हैं। हम अत्यधिक आशावादी हैं कि इस बार भारत इतिहास रचेगा।”
देशभर में कुल 23 सीटीटीसी हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कार्यों को बेहद सटीकता और निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरा करने के भुवनेश्वर केंद्र के रिकॉर्ड को देखते हुए उसे इस मिशन के लिए चुना। राजशेखर कहते हैं कि तकनीशियनों के समर्पित प्रयासों के बलबूते सीटीटीसी भुवनेश्वर को मिशन का हिस्सा बनने का दुर्लभ मौका मिल सका।
भुवनेश्वर स्थित इस सरकारी उपक्रम (पीएसयू) ने चंद्रयान-3 प्रक्षेपण वाहन के एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), सेंसर और रेग्युलेटर में इस्तेमाल किए जाने वाले कई प्रवाह नियंत्रण वाल्व का निर्माण किया है।
संस्थान ने यान के लिए गाइरोस्कोप और प्रक्षेपक के कलपुर्जों की भी आपूर्ति की है। सीटीटीसी भुवनेश्वर ने अगले महीने के अंत में चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए लैंडर के पहिया तंत्र के कुछ घटकों का भी निर्माण किया है।

लैंडर के डिजाइन में कुछ बदलाव
राजशेखर ने कहा कि 2019 में चंद्रयान-2 के दौरान चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में आंशिक विफलता के बाद इसरो ने वाहन लैंडर के डिजाइन में कुछ बदलाव किए हैं। उन्होंने बताया कि इस अंतरिक्ष मिशन के लिए नए घटकों का इस्तेमाल करने से पहले उनका कई बार परीक्षण किया गया साथ ही चंद्र मिशन में इस्तेमाल होने वाले 50,000 से ज्यादा अहम घटकों के निर्माण के लिए 150 से अधिक तकनीशियनों ने पिछले दो वर्षों में दिन-रात काम किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments