Saturday, July 6, 2024
Homeताजा खबरकिसान आंदोलन पर आज शाम बैठक के बाद फैसला,संयुक्त किसान मोर्चा की...

किसान आंदोलन पर आज शाम बैठक के बाद फैसला,संयुक्त किसान मोर्चा की चंडीगढ़ में बैठक,पढ़े पूरा अपडेट

चंडीगढ़,एसकेएम ने 2020-21 में केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था.संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डरों पर स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए गुरुवार को यहां एक बैठक करेगा.पंजाब और हरियाणा के बीच कुछ जगहें हैं जहां हजारों किसान अपने संगठनों द्वारा किए गए ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के तहत डेरा डाले हुए हैं.

बैठक के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कई एसकेएम नेता यहां पहुंचे.भारती किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि एसकेएम इस बात पर चर्चा करेगा कि बुधवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर क्या हुआ.

बैठक में होगा आंदोलन पर निर्णय

लाखोवाला ने कहा कि किसान संगठन इस बात पर भी निर्णय लेगा कि जारी आंदोलन का समर्थन किस तरह से किया जाए.संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.

Image Source: PTI

2 दिनों के लिए दिल्ली कूच रुका

यहां आपको बता दें कि बुधवार को पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए दोनों बॉर्डर पर कई बार आंसू गैस के गोले दागे.यह कार्रवाई किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर उनके कूच को रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को पार करने के प्रयास के बाद की गई.इसमें खनौरी में हुई झड़प में एक आंदोलनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को दो दिनों के लिए कूच रोक दिया. मृतक किसान की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बल्लो गांव के निवासी शुभकरण सिंह के रूप में हुई है.इसके बाद भी हजारों किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि वे शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय करेंगे.

Image Source : PTI

किसान इन मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन

पंजाब के किसान भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments