मुंबई। मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी एवं भारतीय जनता पार्टी सांसद प्रज्ञा ठाकुर मंगलवार को एनआईए की विशेष अदालत में सवालों का जवाब देते हुए भावुक हो गईं। निचली अदालत मंगलवार को मामले में ठाकुर और अन्य छह आरोपियों के बयान दर्ज कर रही थी।
मालेगांव में विस्फोट के बाद घायलों का इलाज करने और मृतकों का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की गवाही से जुड़े करीब 60 सवाल आरोपियों से पूछे गए। कठघरे में मौजूद ठाकुर एक समय भावुक हो गईं और कार्यवाही दस मिनट के लिए रोक दी गई। सभी सवालों पर प्रज्ञा ठाकुर का जवाब था, ‘‘मुझे नहीं पता।’’
उनके वकीलों जेपी मिश्रा और प्रशांत मग्गू ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि भोपाल से लोकसभा सदस्य ठाकुर उस समय असहज हो गईं जब उनसे विस्फोट पीड़ितों की चोटों के बारे में सवाल पूछे गए। मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। दिसंबर 2018 में मुकदमा शुरू होने के बाद से, अभियोजन पक्ष के 323 गवाहों से पूछताछ की गई और उनमें से 34 मुकर गए या अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया।
ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं। सभी सात आरोपी बयान दर्ज कराने के लिए विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश एके लाहोटी के समक्ष पेश हुए। बयान दर्ज करने की कार्यवाही बुधवार को भी जारी रहेगी।
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक में 29 सितंबर, 2008 को धमाका होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।