दिल्ली का मुखर्जी नगर। तंग गलियों और छोटे-छोटे कमरे वाले घर, ये इलाका देश को IAS-IPS देता है। इन तंग गलियों में मौजूद हर बिल्डिंग पर कोचिंग सेंटर्स के होर्डिंग लगे हैं। बिल्डिंग्स पुरानी हैं, कुछ तो जर्जर हैं। चारों तरफ बिजली के तारों का जाल है। इन पुरानी बिल्डिंगों के बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। अंदर दुकान जैसी जगहों में क्लास लगती है। पूरे कोर्स की फीस 2 लाख रुपए।
दिल्ली का मुखर्जी नगर। तंग गलियों और छोटे-छोटे कमरे वाले घर, ये इलाका देश को IAS-IPS देता है। इन तंग गलियों में मौजूद हर बिल्डिंग पर कोचिंग सेंटर्स के होर्डिंग लगे हैं। बिल्डिंग्स पुरानी हैं, कुछ तो जर्जर हैं। चारों तरफ बिजली के तारों का जाल है। इन पुरानी बिल्डिंगों के बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। अंदर दुकान जैसी जगहों में क्लास लगती है। पूरे कोर्स की फीस 2 लाख रुपए।
मौत को करीब से देखा
कोचिंग सेंटर में लगी आग अब बुझ चुकी है, पर उसका डरावना अनुभव स्टूडेंट्स के दिमाग में जिंदा है। बिहार के कृष्ण कुमार भी उनमें से एक हैं। आग लगी, तब वे भी बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर पर क्लास रूम में फंसे थे।
दूसरे स्टूडेंट्स की तरह कृष्ण कुमार भी खिड़की पर आए और रस्सी से लटककर नीचे उतरे। वे बताते हैं, ‘मैंने मौत को बहुत करीब से देखा है। मैं अब भी कांपने लगता हूं। अगर ऐसा ही रहा, तो मुझे सिविल सेवा की तैयारी भी नहीं करनी है। जिंदगी IAS बनने से ज्यादा कीमती है।’
आग लगी तब क्या हुआ था? कृष्ण कुमार कहते हैं, ‘मेरी क्लास में करीब 200 बच्चे थे। तभी नीचे वाले फ्लोर से धुआं आने लगा। क्लास में आने-जाने के लिए सिर्फ एक दरवाजा है। इसलिए इतना बड़ा हादसा हुआ।’
सीढ़ियों पर लपटें निकल रही थीं, तार पकड़कर नीचे उतरे…
राजस्थान के रहने वाले हेमंत सिंह भी उस वक्त क्लास में थे। वे बताते हैं, ‘थर्ड फ्लोर पर हमारी इतिहास की क्लास चल रही थी। हमने देखा कि धुआं आ रहा है। सर ने कहा कि शायद शॉर्ट सर्किट हुआ होगा, ठीक हो जाएगा। आग हमारी क्लास में नहीं लगी थी। धुआं नीचे से आ रहा था और धीरे-धीरे क्लास में भरने लगा। बाहर निकलने का रास्ता नहीं था।’
‘सीढ़ियों से नीचे आने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें आ रहीं थीं। हमने खिड़की तोड़ दी। वहीं तार लटके हुए थे। हम उन्हें पकड़कर नीचे उतरने लगे। कुछ बच्चे खिड़की से सीधे नीचे जमीन पर गिर गए।’
4-5 के घायल होने की खबर, स्टूडेंट बोले- 25 लोगों को हॉस्पिटल भेजा
हादसे के बाद 4-5 स्टूडेंट्स के घायल होने की खबरें आई थीं। हालांकि, मौके पर मौजूद छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने 25 बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया है। उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट करवाया गया है।
घायलों से मिलने हम हॉस्पिटल गए। यहां मुलाकात बिहार के रहने वाले अभिषेक से हुई। अभिषेक भी आग लगने के बाद खिड़की से नीचे आए थे, उन्हें हाथ में चोट है। उन्होंने कहा ‘मैं कैमरे पर बात करने की हालत में नहीं हूं, लेकिन आप मेरी फोटो ले सकती हैं।’