Google ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत में 10 भारतीय एप्स को प्ले-स्टोर से हटा दिया है क्योंकि ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे थे। गूगल ने यह कार्रवाई शुल्क विवाद को लेकर की है। गूगल ने अपने एक बयान में कहा कि इन एप्स के डेवलपर्स बिलिंग पॉलिसी को नहीं मान रहे थे। कई बार इन्हें चेतावनी दी गई थी और उसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
ये 10 ऐप्स शामिल
गूगल ने जिन एप्स को प्ले-स्टोर से हटाया है उनमें ALT Balaji, Bharat Matrimony, Naukri, 99 Acres, Kuku FM, Quack-Quack, Shaadi.Com, Stage, Truly Madly, Stage OTT जैसे एप्स के नाम शामिल हैं।
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में साफतौर पर लिखा है कि इन ऐप्स को तैयारी के लिए तीन साल से भी ज्यादा का समय दिया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन हफ्ते बीत चुके हैं। गूगल ने इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाने से ठीक पहले यह ब्लॉग पोस्ट जारी किया था। गूगल ने उसमें लिखा था कि, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठा रहे हैं कि हमारी पॉलिसीज़ पूरी तरह से पूरे सिस्टम पर निरंतर लागू रहे, जैसा कि हम ग्लोबली किसी भी तरह के नीति उल्लंघन के लिए करते हैं।”
ऐप्स के मालिकों का जवाब
गूगल के इस एक्शन के बाद कुकु एफएम के सीईओ लाल चंद बिसु ने गूगल की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, “गूगल बिजनेस करने के लिए सबसे बुरी कंपनी है। हमारे इंडियन स्टार्टअप सिस्टम को वो पूरी तरह से कंट्रोल करते हैं। 2019 में गूगल ने हमें बिना कोई नोटिस दिए 25 दिनों के लिए प्ले स्टोर से हटा दिया था। जरा उस माहौल की कल्पना करें जहां टीम रोजाना ऑफिस में काम कर रही हो और प्ले स्टोर पर कोई ऐप न हो।”
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, “अब उन्होंने हमें फिर से डिलिस्ट कर दिया है। अब हमारे सामने उनकी शर्तें मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह हमारे व्यवसाय को पूरी तरह से नष्ट कर देगा और कुकु एफएम को देश के ज्यादातर लोगों के लिए महंगा बना देगा।” नौकरी डॉट कॉम और 99एकड़ के फाउंडर ने भी गूगल के खिलाफ कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है।
कुकु एफएम के सीईओ ने सरकार से गुहार लगाते हुए लिखा कि, “ऐसा महसूस होता है कि यदि हमारा इकोसिस्टम उनके द्वारा नियंत्रित किया जाता है तो हम कभी भी सुरक्षित रूप से काम नहीं कर पाएंगे। हम चाहते हैं कि भारतीय सरकार आगे आए और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बचाए।
भारत के एक अन्य बड़े ऐप शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखा और कहा कि, “आज इंडियन इंटरनेट का काला दिन है। गूगल ने प्ले स्टोर से कई बड़े ऐप्स को डिलिस्ट कर दिया है, जबकि अभी भी कानूनी सुनवाई चल रही है।”
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, “उनके झूठे आख्यान और दुस्साहस से पता चलता है कि उन्हें भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है, कोई गलती न करें -यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है और इस लगान को रोका जाना चाहिए!”
Google के मुताबिक उसने इन एप्स को तीन साल का समय भी दिया था। बता दें कि शुल्क विवाद लंबे समय से चल रहा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी लेकिन 9 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। गूगल ने कहा कि तीन साल में किसी अदालत ने भी उसकी शुल्क की पॉलिसी को लेकर सवाल नहीं खड़े किए। बावजूद इसके कुछ डेवलपर्स पॉलिसी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
गूगल ने दिए ऑप्शन
गूगल ने कहा है कि डेवलपर्स अपने पेड कंटेंट के लिए गूगल प्ले-स्टोर के अलावा किसी अन्य एप स्टोर से पेमेंट ले सकते हैं या फिर खुद अपनी साइट से ही पेमेंट ले सकते हैं, लेकिन यदि गूगल प्ले-स्टोर पर एप है और वह पेड सर्विस दे रहा है तो गूगल को पैसे देने होंगे।