Saturday, November 16, 2024
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मिठाई नहीं चॉकलेट से होगा मुंह मीठा

इनपुट: मनोज अवस्थी

जयपुर। बहन-भाइयों के प्यार का त्योहार राखी बुधवार को देशभर में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। हालांकि इस बार त्योहार पर भद्राकाल का साया रहेगा, लेकिन बहनों में उत्साह में कोई कमी नहीं है। वे पूरे उत्साह के साथ बाजार में खरीदारी कर रही है। बाजार सज चुके हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए तरह-तरह की राखियों की खरीदारी करने में व्यस्त हैं। मिठाइयों की दुकानें भी सज चुकी हैं। मिठाइयों के अलावा चॉकलेट व टॉफियों का ट्रेंड पहले की तुलना में अधिक है। अलग-अलग कंपनियों ने कई प्रकार के फ्लेवर वाली चॉकलेट के गिफ्ट पैक बाजार में उतारे हैं। लोगों का रुझान ज्यादा इन गिफ्ट पैक की खरीदारी पर है। क्योंकि इनमें मिलावट का प्रश्न ही नहीं उठता। ज्यादातर मिठाइयों में मावे का प्रयोग होता है और मावे के सिंथेटिक होने से इनकार नहीं किया जा सकता, यह लोग समझ चुके हैं। इसलिए उनका ध्यान टॉफी-बिस्किट्स सरीके गिफ्ट पैक पर अधिक है। वहीं स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कुछ महिलाएं घर की बनी मिठाइयों से राखी का त्योहार मनाना पसन्द कर रही हैं।

मेवों से बनी मिठाई ने लुभाया

स्वीट कैटर्स वालों ने मावे के अलावा मेवे (ड्रायफ्रूट्स) वाली कई तरह की मिठाइयों को अलग ही स्थान दिया है। दुकानदार कहते हैं कि लोगों की धारणा होती है कि मावे की मिठाइयों में मिलावट होती है। इसके चलते बाजारों में अलग-अलग तरीकों को ड्रायफ्रूट्स वाली मिठाइयां उपलब्ध कराई हैं। ड्रायफ्रूट्स में किसी भी तरह की कोई मिलावट की गुंजाइश नहीं रहती।

बेसन की मिठाई रहेगी खास पकवान

बढ़ती महंगाई को देखते हुए इन दिनों मावे से बनी मिठाइयों पर भी असर पड़ा है। लेकिन बहनों ने अपने भाइयों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए बेसन की मिठाइयों को अधिक महत्व दिया है। मावे की मिठाइयां महंगी व नकली होने से बहनों ने बेसन के लड्डूडू व सोहन पापड़ी को राखी वाली थाली में स्थान दिया है। कुछ बहनों ने घर पर ही मोहनथाल, मैदा से बनी गुंजिया, मालपुए, खीर जैसी मिठाइयां बनाने की तैयारी कर रखी है।

रक्षा सूत्र के लिए बाजारों में उमड़ी भीड़

रक्षा बंधन के आते ही शहर के मुख्य बाजारों में बहनों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। राखी के त्यौहार को देखते ही सोमवार सुबह 9 बजे ही दुकाने खुल गईं। शहर की दुकानों पर सजी रंग-बिरंगी राखियां ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं। बच्चों को लुभाने के लिए खिलौने वाली राखियां भी बाजार में आई हैं। डोरेमोन व शिनचैन,नोबिता वाली राखियों का बच्चों में काफी क्रेज नजर आया।

बाजार में शुगर फ्री मिठाइयों का चलन

शुगर की बीमारी को देखते हुए मिठाइयों की जगह अब ड्रायफ्रूट शामिल किए गए हैं। बाजारों में अलग-अलग तरीके के सभी साइज की ड्रायफ्रूट्स पैकिंग के बाजारों में उपलब्ध है। शुगर फ्री मिठाइयों का चलन भी बाजार में है। मिठाई की दुकान चलाने वाले सोनू शर्मा व अजय शर्मा ने बताया कि शुगर पेशेंट्स के लिए अब शुगर फ्री मिठाइयां तैयार की हैं। इनके सेवन से शुगर नहीं बढ़ता है। लेकिन इनकी कीमत अन्य मिठाइयों से थोड़ी ज्यादा है।

मेहंदी लगाने वालों ने कूटी चांदी

मेहंदी लगाने वाले भी फुटपाथ पर स्टूल लगाकर महिलाओं का इंतजार कर रहे थे। शाम को मेहंदी लगवाने वाली महिलाओं की भीड़ ज्यादा थी। सामान्य दिनों में 100 रुपए में एक हाथ में मेहंदी लगाई जाती है, लेकिन रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर रेट बढ़ा दिए गए थे। 200 रुपए से कम कोई भी मेहंदी नहीं लगा रहा था।

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