मॉस्को, रूस में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के शुरुआती नतीजों में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जीत की ओर बढ़ रहे हैं जो देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को रेखांकित करता है.यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा. चुनाव में उन्हें नाममात्र की चुनौती थी और आरोप है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं का क्रूरता से दमन किया. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने बताया कि अबतक हुई मतों की गणना के मुताबिक, पुतिन को 87 प्रतिशत वोट मिले हैं.
नतीजों पर बोले पुतिन
पुतिन ने शुरुआती नतीजों को उनमें लोगों का ‘विश्वास’ और ‘उम्मीद’ बताया, जबकि आलोचकों ने नतीजों को चुनाव की पूर्वनिर्धारित प्रकृति का एक और प्रतिबिंब बताया. मतदान खत्म होने के बाद स्वयंसेवकों के साथ बातचीत करते हुए पुतिन ने कहा,”हमारे पास बहुत काम हैं.लेकिन मैं सबसे यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब हम एकजुट थे, तो कोई भी हमें डराने, हमारी इच्छाशक्ति और हमारे आत्म-विवेक को दबाने में कामयाब नहीं हुआ.उन्होंने कहा,वे अतीत में नाकाम रहे और वे भविष्य में भी असफल होंगे.”
ब्रिटेन ने क्या कहा ?
वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “ यूक्रेनी क्षेत्र में अवैध तरीके से चुनाव कराने के बाद रूस में चुनाव संपन्न हो गए हैं.चुनाव में मतदाताओं के पास विकल्पों की कमी थी और कोई स्वतंत्र ओएससीई निगरानी भी नहीं थी.यह वैसा नहीं है जैसा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दिखता है.चुनाव के दौरान पुतिन और यूक्रेन में जंग की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने पर रोक थी. स्वतंत्र मीडिया को पंगु बना दिया गया था.
कहां हैं पुतिन के प्रतिद्वंदी ?
आपको बता दें कि पुतिन (71) के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं.मतदाताओं के पास वस्तुतः कोई विकल्प नहीं था, चुनाव की स्वतंत्र निगरानी बेहद सीमित थी.रूस के चुनाव आयोग ने कहा है कि अबतक 98 प्रतिशत क्षेत्रों के मतों की गणना की गई है जिनमें पुतिन को 87 फीसदी वोट मिले हैं.