नई दिल्ली, कांग्रेस ने देश में एक साथ चुनाव कराए जाने से संबंधित समिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे जाने के बाद गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार का मकसद सिर्फ ‘वन नेशन, नो इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं) का है.पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान को पूरी तरह से नष्ट करना चाहती है.
कोविंद समिति की रिपोर्ट में की गई ये सिफारिश
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने पहले कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की और इसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की गुरुवार को सिफारिश की.
18000 पन्नों से ज्यादा की रिपोर्ट सौंपी गई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई 18000 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट में कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और ‘इंडिया, जो कि भारत है’ की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी.
‘एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं’ है मकसद
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नासिक में कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य बहुत स्पष्ट है.वह, स्पष्ट बहुमत, दो-तिहाई बहुमत, 400 सीट की मांग कर रहे हैं.वे बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं.रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार का मकसद ‘एक राष्ट्र, कोई चुनाव नहीं’है.
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली की प्रतिक्रिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और इसका उद्देश्य धन और अन्य संसाधनों को बचाना है.