नई दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.ये संकट मंगलवार को उस समय आया जब राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी.जिसके चलते भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया.इस तरह के घटनाक्रम से विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार कर दिया है.वहीं अंसतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 विधायकों से बातचीत करने के लिए वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को नियुक्त किया है.ऐसा माना जाता है कि ये 6 विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से ‘‘निराश’’हैं और उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद क्या बोले जयराम ठाकुर
हिमाचल के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की.इस मुलाकात के बाद जयराम ठाकुर ने कहा.हमने विधानसभा में हाल ही में जो घटनाक्रम हुआ उसके बारे में सूचित किया है.हमनें उन्हें विपक्षी विधायकों के प्रति स्पीकर के व्यवहार के बारे में सूचित किया है.विधानसभा में जब हमने वित्तीय विधेयक के दौरान मत विभाजन की मांग की,इसकी अनुमति नहीं प्रदान की गई .उसके बाद मार्शल ने जैसा व्यवहार हमारे विधायकों के साथ किया वह ठीक नहीं है.हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ऐसा कभी नहीं हुआ.
भाजपा ने की शक्ति परीक्षण की मांग
विपक्ष के नेता और अन्य भाजपा विधायकों ने आज सुबह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और राज्य विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के लिए शक्ति परीक्षण की मांग की.विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मीटिंग के बाद कहा कि ”जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं,तब हमने जीत हासिल की.भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता.वर्तमान में कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.”