नई दिल्ली,कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को सुबह-सुबह पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर दोपहर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया.वल्लभ के अलावा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी पार्टी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.वल्लभ ने यह कहते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और ‘वेल्थ क्रिएटर्स’ (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते.
खरगे को पत्र में क्या लिखा था ?
वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया.उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे. वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी.
त्यागपत्र में किया था ये दावा
वल्लभ ने त्यागपत्र में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा ‘वेल्थ क्रिएटर्स’ को नीचा दिखाने वाला रहा है और देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है.उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे.
भाजपा में शामिल होने के बाद क्या बोले ?
भाजपा में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा, “मैंने सुबह एक पत्र सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर डाला.उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं लिख दीं.मेरा शुरू से यह दृष्टिकोण रहा है कि भगवान श्री राम का मंदिर बने, न्योता मिले और कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता.गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर प्रश्न उठाए, कांग्रेस द्वारा उसका जवाब क्यों नहीं दिया गया?.मैं आज भाजपा में शामिल हुआ और मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी योग्यता, ज्ञान का प्रयोग भारत को आगे ले जाने में करूंगा.”