नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार को विचार करने से इनकार करते हुए कहा, ‘हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की एक पीठ ने कहा कि यह अदालत कई याचिकाओं की पहले ही कई मौकों पर पड़ताल कर चुकी है और EVM के कामकाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार कर चुकी है.
याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट की दो टूक
पीठ ने याचिकाकर्ता नंदिनी शर्मा से कहा, ‘हम कितनी याचिकाओं पर विचार करेंगे? हाल ही में, हमने वीवीपीएटी से संबंधित एक याचिका पर विचार किया था. हम धारणाओं पर नहीं चल सकते.हर पद्धति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष होते हैं.क्षमा करें, हम अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार नहीं कर सकते.
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा ?
पीठ ने आदेश में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे की शीर्ष अदालत ने विभिन्न याचिकाओं में पड़ताल की है.न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर 10 से अधिक मामलों की पड़ताल की है.नंदिनी शर्मा ने अपनी याचिका में भारत के निर्वाचन आयोग और 6 राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाया था.