नई दिल्ली, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि केंद्र में उसकी सरकार बनने की स्थिति में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से ही होगा, लेकिन मशीनों की क्षमता एवं मतपत्रों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और VVPAT (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों का मिलान होगा.बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र शुक्रवार को जारी किया गया.पार्टी ने इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है.
जनविरोधी नीतियों की होगी समीक्षा
कांग्रेस ने यह वादा भी किया कि PM नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पारित सभी ‘जनविरोधी कानूनों’ की समीक्षा की जाएगी और उन्हें बदला जाएगा और चुनावी बॉण्ड एवं अन्य ‘घोटालों’ की जांच करवाई जाएगी.
मतदान EVM से होगा
घोषणापत्र में मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘‘कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं का विश्वास बहाल करने का वादा करती है. ईवीएम की क्षमता और मतपत्र की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में संशोधन किया जाएगा.मतदान ईवीएम से होगा, लेकिन मतदाता मशीन से निकली पर्ची का मिलान वीवीपैट पर्ची के साथ कर सकेंगे.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’के विचार को अस्वीकार करती है’
कांग्रेस ने कहा कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार को अस्वीकार करती है और वादा करती है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव संविधान एवं संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं के अनुसार अपने निर्धारित समय पर ही होंगे.
दल बदल पर सदस्यता होगी समाप्त
कांग्रेस का वादा है कि वह संविधान की 10वीं अनूसची में संशोधन करेगी और इसके तहत दलबदल करने वाले पर विधानसभा या संसद की सदस्यता खुद समाप्त हो जाएगी.कांग्रेस ने योजना आयोग को बहाल करने का वादा किया है.मोदी सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर ‘नीति आयोग’ की व्यवस्था बनाई है.उसने वादा किया कि पुलिस, जांच और खुफिया एजेंसियां कानून के अनुसार काम करेंगी और उन्हें संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा.
कांग्रेस का कहना है कि उसकी सरकार बनने पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कम से कम 100 दिनों के लिए संचालित होगी और पूर्व की महान संसदीय परंपरओं को पुनर्जीवित किया जाएगा. घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस मानहानि के जुर्म को अपराधमुक्त करने का वादा करती है.
कांग्रेस ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम 2023 की समीक्षा की जाएगी और उन प्रावधानों को हटा दिया जाएगा, जो बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं.