हर साल चैत्र माह की अमावस्या के अगले दिन नवरात्र शुरू होते हैं.हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है.नवरात्र के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार इसकी शुरुआत 9 अप्रैल से होने वाली है जो कि 17 अप्रैल तक चलेगी.इस साल चैत्र नवरात्रि बहुत शुभ मानी जा रही है.क्यों 30 साल बाद अमृति सिद्धि योग बन रहा है.ऐसा कहा जाता है की अमृत सिद्धि योग में माता रानी की पूजा करने से सभी दुखों और कष्टों का नाश होता है.कलश स्थापना का मुहूर्त भी अतिमहत्वपूर्ण है.सही काल,योग और मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करनी चाहिए.
इस बार नवरात्र का प्रारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग से हो रहा है.इसका शुभ मुहूर्त मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7:35 से बुधवार 10 अप्रैल सुबह 5:07 बजे तक है.यदि किसी को नवरात्रों में शुभ काम करना है तो आप इन शुभ योग में काम कर सकते हैं.इस बार नवरात्रों में सर्वार्थ सिद्धि योग 4 दिन रहेंगे
अमृत सिद्धि योग क्या होता है ?
इस योग के बारे में बताया जाता है कि अश्विनी नक्षत्र के दौरान माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. ज्योतिषों के अनुसार,ये अश्विन नक्षत्र 9 अप्रैल को सूर्योदय के 2 घंटे बाद शुरू हो जाएगा.
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
घट स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह 6:02 से लेकर 10:16 मिनट के मध्य रहेगा.9 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त 11:57 से 12:48 बजे के मध्य रहेगा.इस अभिजीत मुहूर्त में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है.
पूजा विधि :सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें.घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें.मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं.धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें.