वृंदावन: RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंदजी महाराज के दर्शन किए। भागवत और प्रेमानंदजी महाराज के बीच हुई इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि, जैसे ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत अंदर प्रवेश करते हैं तो आश्रम के आचार्य भागवत का परिचय प्रेमानंदजी महाराज से कराते हैं और संघ प्रमुख महाराज को पीला दुपट्टा ओढ़ाकर उनका सम्मान करते हैं। इस आध्यात्मिक भेंट के दौरान भागवत कहते हैं कि, ‘मैंने आपकी बातें वीडियो में तो सुनी है, तो लगा कि दर्शन कर लेना चाहिए।’ भागवत ने प्रेमानंदजी महाराज से कहा- ‘चाह गई, चिंता मिटी…मनुआ बेपरवाह..ऐसे लोग कम देखने को मिलते हैं।’
हमारा तिरंगा, हमारा राष्ट्र, हमारा भगवान- प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंदजी महाराज ने मोहन भागवत से कहा कि, ‘अपने लोगों का जन्म जो भगवान ने दिया है न वो सिर्फ सेवा के लिए दिया है। व्यवहारिकी और आध्यात्म की सेवा..यह दोनों सेवाएं अति अनिवार्य हैं। केवल व्यवहारिकी सेवा ही होती रहे हम अपने भारतवासियों को परम सुखी करना चाहते हैं तो सिर्फ वस्तु और सेवा से नहीं कर सकते हैं…उनका बौद्धिक स्तर सुधरना चाहिए। महाराज अपने वक्तव्य में आगे कहते हैं कि, ‘आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर गिरता चला जा रहा है, यह बहुत चिंता का विषय है। हम सुविधाएं दे देंगे, विविध प्रकार की भोग सामग्रियां दे देंगे, पर उनके हृदय की मलिनता है, हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है…ये जब तक ठीक नहीं होगी, तब चीजें नहीं बदलेंगी।’
राजनीतिक दीक्षा भी दी
संघ प्रमुख से वार्ता के दौरान प्रेमानंदजी महाराज कहते हैं कि, ‘हमारी जो नई पीढ़ी है वे ही राष्ट्र की रक्षा करने वाले हैं। उन्हीं में से कोई MLA बनता है, कोई MP बनता है कोई मुख्यमंत्री बनता है, कोई राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री बनता है। हमारी शिक्षा सिर्फ आधुनिकता का स्वरूप लेती जाए…ये ठीक नहीं है। नई पीढ़ी में व्याभिचार, व्यसन और हिंसात्मक प्रवृत्ति इन तीन प्रवृत्तियों को देखकर दुख होता है।’