नई दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मंत्री नितिन गडकरी ने टोयोटा इनोवा के एक संस्करण को लॉन्च किया, यह कार पूरी तरह से एथेनॉल पर चलेगी. लॉन्चिग कार्यक्रम में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे. भारत सरकार की नीति है कि आयातित पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता को कम किया जाए तथा फॉसिल फ्यूल को उपयोग में लाया जाए. इसी मकसद को पूरा करने के लिए इस कार को लॉन्च किया गया.
टोयोटा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार टोयोटा इनोवा का एथेनॉल-फ्यूल संस्करण दुनिया का पहला बीएस-VI (स्टेज-II) विद्युतीकृत फ्लेक्स-फ्यूल वाहन होगा. साल 2022 में गडकरी ने टोयोटा की मिराई ईवी को पेश किया था. जो पूरी तरह से हाइड्रोजन-जनित बिजली पर चलती है.
क्या होती है फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) तकनीकी
फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) एक तरह की तकनीक है. इस तकनीक के लगने के बाद कार एक से ज्यादा प्रकार के ईंधन से चलने में सक्षम हो जाती है. फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) तकनीक को ऐसे भी समझा जा सकता है कि ये किसी भी वाहन को 20 प्रतिशत से ज्यादा इथेनॉल से चलने में सक्षम बना देती है.
कैसे बनता है फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) ईंधन?
फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) ईंधन के तौर पर इथेनॉल को जाना जाता है. इसे गन्ने से मक्के से बनाया जाता है. भारत में इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, क्योंकि ये फसलें देश में पर्याप्त मात्रा में होती हैं. इथेनॉल की सबसे खास बात ये है कि ये पेट्रोल के मुकाबले काफी सस्ता है. जहां पेट्रोल 100 रुपये लीटर है वहीं इसकी लागत 60 से 70 रुपये तक आती है. इसलिए इसे एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
क्या होता है एथेनॉल, कैसे होता है इसका निर्माण ?
एथेनाल एक तरह का ईंधन है, जो पेट्रोल के साथ मिलकर काम करता है. पेट्रोल की कीमत से सस्ता होने के कारण भारत सरकार ने साल 2025 तक पेट्रोल में करीब 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य रखा है. भारत के अलावा दुनिया के और भी देश इसके इस्तेमाल के लिए प्रयास कर रहे हैं. एथेनॉल एक तरह के अल्कोहल के रुप में काम करता है. जिसे वाहनों के पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका निर्माण गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है.